इस धरती की हर मां कम्युनिस्ट होती है…!

Tribhuvan’s Facebook Wall बहुत साल पहले की बात है। उन दिनों में स्कूली छात्र था और कम्युनिस्ट शब्द पहली बार कानों में पड़ा था। यह शब्द प्रयुक्त किया था एक सरदार साहेब ने, जिन्हें मैं नानाजी कहा करता था। वे दिखने में साधु जैसे थे, क्योंकि वे सिख वेशभूषा में रहने के बावजूद बालों को अक्सर खुला रखा करते और गले में होती सफेद मोतियों की एक सुंदर माला। घर में… Continue reading