जाणे मेरा जीवड़ा — Vijendra Diwach
Vijendra Diwach मैं बेटीइस धरती पर आई,मेरी मां मुझे इस संसार में लेकर आई,लेकिन मेरी मां नारी होकर भी मुझे नहीं समझ पायी,मेरे लड़की रूप में पैदा होने परनारी ने ही रो-रोकर आंखें सुजाई।कहते हो मिश्र की सभ्यता में नारी का सम्मान था,राजा की कुर्सी के उत्तराधिकार पर बेटी का हक था,लेकिन बताओभाई की बहन से शादी,यहां यह कौनसा मेल था?यह तो सब पुरुषों काबहन के हाथों से सत्ता पाने… Continue reading