Nishant Rana
Director and Sub-Editor,
Ground Report India (Hindi)
बच्चें हम पैदा करते है
क्योंकि हमें करने होते है
समाज में अपना पुरुषत्व साबित करने को
अपना स्त्रीत्व साबित करने को
बच्चे चाहिए होते है हमें
क्योकिं खोजते है अपनी मुक्ति
पैदा हुए बच्चे से
दिखता है बहुत कोमल नाजुक सा मस्तिष्क जिसमें बींध सके अपने सपने
निकाल सके अपनी खीज, गुस्सा , झुंझलाहटे
एक तो ऐसा हो जिस पर समझे अपना पूर्ण अधिकार
जिसको सुधारा जा सके मारा जा सके जो नहीं सीखता समझता
आपकी कहीं हर बात
क्योंकि अपनी चेतना से भी रख देता है वह अपने पक्ष
बच्चे चाहिए हमें
ताकि कुछ मनोरंजन हो हमारा
उन पर कविता लिखने में
उन्हें भीख मांगते देखने में
उन्हें भूखे मरते देखने में
संवेदशीलता की चिपचिपाहट महसूस करने को
मरें हुए बच्चों की लाशों को इधर उधर सकेरने में
हम मार देते है निसंकोच बच्चियां
यदि यह सब देना नहीं उनके हिस्से
हमें चाहिए बच्चे कि वो बड़े हो
और वो पैदा करे और बच्चें
वहीं सब दोहराने को
जिसके लिए पैदा किया था उन्हें