यौन शिक्षा :: एक दृष्टिकोण – अनुपमा गर्ग (भाग – 4)

लोग अपने सिबलिंग्स के साथ सेक्स के सपने क्यों देखते हैं।

मैं 40 वर्षीय तलाकशुदा महिला हूँ, तलाक के बाद कभी पति तो कभी भाई के साथ सेक्स के सपने दिखते, भाई के साथ जब भी देखती तो सुबह उठकर बेहद शर्मिंदगी सी होती है। जबकि भाई के साथ मेरे रिश्ते बिल्कुल नॉर्मल, मतलब जैसे सामान्य भाई बहन होते हैं, वैसे ही हैं। जो सपने में दिखता वह होशोहवास में जिंदगी में कभी नहीं सोचा, बल्कि सपने के बाद बहुत देर तक अजीब लगता रहता है।

पिछली एक पोस्ट में कुंठा के बारे में बात की थी हम लोगों ने, कि कुंठा क्या है? फ़्रस्ट्रेशन या कुंठा का मतलब है, जब कोई इच्छा पूरी न हो, और इस बात से खीझ, छटपटाहट हो।
यहाँ एक चीज़ समझना ज़रूरी है, वो ये कि अपने आप में कुंठा अच्छी या बुरी नहीं होती। आप उसे कैसे मैनेज करते हैं, और कुंठा के कारण आपके जीवन पर असर कैसा पड़ता है, इस से तय होता है कि अच्छा क्या है और बुरा क्या।
आप के अनुसार आप 40 साल की हैं और तलाकशुदा हैं। तो मैं ये मान ले रही हूँ, कि आपकी शादी में आपका अपने पति के साथ सेक्सुअल रिश्ता था। वो कितना संतुष्टि से भरा  था, इस बारे में मैं कोई कयास नहीं लगाऊंगी।
अब जब पति से आपका अलगाव हो चुका, तो ऐसा तो नहीं है कि आपके शरीर की सेक्स और पुरुष के बदन के लिए चाह या ज़रुरत ख़त्म हो गयी। हर स्वस्थ व्यक्ति की , चाहे उनका कोई भी जेंडर हो, कुछ सेक्सुअल ज़रूरतें, प्रैफरेंसेज (पसंद नापसंद), डिजायर (इच्छा) होती ही हैं। ऐसे में उनका पूरा न होना, कहीं तो फ़्रस्ट्रेशन पैदा करेगा ही। इस फ़्रस्ट्रेशन को न निकल पाने का नतीजा भी हो सकते हैं आपके सपने।
आपके प्रश्न का दूसरा हिस्सा है कि आपको अपने भाई के साथ सेक्स के सपने दिखते हैं, और इससे आपको अजीब (अगर मैं ठीक समझ पा रही हूँ तो 'गन्दा' ) लगता है। ये स्वाभाविक है।
आपके शरीर और मन की सेक्सुअल नीड्स क्योंकि पूरी नहीं हो पा रहीं तो आपके इर्द गिर्द जो पुरुष  हैं,उनकी तरफ आपका मन जा रहा है। क्योंकि सामान्य तौर पर परिवार की अवधारणा वाले किसी भी समाज में, incest या सिब्लिंग्स में सेक्सुअल संबंधों को बुरा समझा जाता है, इसलिए आपका गिल्ट भी स्वाभाविक है। हमारी परिवार को ले कर मोरैलिटी बहुत गहरी है, और ऐसे में, जब कोई इच्छा इस फ्रेमवर्क पर सवाल उठाती है तो उससे discomfort या तकलीफ होना, अजीब लगना, गिल्ट महसूस करना बहुत स्वाभाविक है।
यहाँ ज़रूरी ये है कि इससे आपके रिश्तों में बदलाव तो नहीं आया। जैसा अपने कहा आपके भाई के साथ आपका सम्बन्ध वैसा ही है जैसा बहन भाई में सामान्यतः होता है, इसलिए मुझे इस समय परेशानी जैसा कुछ नज़र नहीं आता।
लेकिन मुझे ये ज़रूर लगता है कि आपकी ज़रूरतें पूरी होना ज़रूरी है, और अन्य किसी भी दृष्टिकोण से हों या न हों, आपके स्वयं के मन और भावनाओं के लिए वो ज़रूरी है।
आप यहाँ कुछ चीज़ों के बारे में सोच कर देखें। क्या आपके पति के अतिरिक्त आपके जीवन में कोई पुरुष था जिससे आपके सेक्सुअल सम्बन्ध रहे हों?  यदि हाँ तो क्या कभी उस पुरुष के बारे में भी सपने आते हैं ? क्या तलाक के बाद, अभी आपके जीवन में कोई साथी है? क्या आप मास्टरबेट करती हैं ?
क्या आपके घर में आपको प्राइवेसी मिल पाती है, क्योंकि आम तौर पर भारत में घर ,बहुत बड़े हों, और सबके अपने कमरे हों, ऐसा कम हो पता है, और ऐसे में प्राइवेसी एक बड़ी समस्या बन जाती है।
क्या आपके लिए ये संभव है कि आप  सेक्स टॉयज के जरिये अपनी ज़रूरतें explore  कर पाएं? क्या आपके लिए किसी के साथ डेट करना संभव है ? क्या आपके लिए सिर्फ कैसुअल सेक्स के लिए किसी के साथ आपसी सहमति से हुक अप करना संभव है ?
यदि इनमें से कुछ भी संभव नहीं, तो मैं आप को ये राय दूँगी, कि किसी मनोवैज्ञानिक से मिलें। Psychotherapists कई बार आपकी काउन्सलिंग करते समय बहुत सारे ऐसे विषयों पर डिटेल में बात कर पते हैं, जो ऊपर से सेक्स सम्बंधित नहीं लगते। लेकिन अक्सर ऐसे विषय, अनुभव, या विचार, सेक्स से सम्बंधित आपकी मानसिकता और आपके नज़रिये को गहरे अवचेतन में बैठ कर, प्रभावित करते हैं।
यदि आपको लग रहा है कि आपकी ज़रूरतें पूरा न हो पाना, आपके सामान्य जीवन, और रिश्तों को प्रभावित कर सकता है तो आपको किसी अच्छे मनोवैज्ञानिक से बात कर उनकी राय ज़रूर लेनी चाहिए।
आशा करती हूँ आपको मेरे जवाब से कुछ मदद मिले।

डिस्क्लेमरलेख में हम सेक्स और सेक्सुअलिटी के सम्बन्ध में बात इसलिए कर रहे हैं ताकि पूर्वाग्रहों, कुंठाओं से बाहर आ कर, इस विषय पर संवाद स्थापित किया जा सके, और एक स्वस्थ समाज का विकास किया जा सके। यहाँ किसी की भावनाएं भड़काने, किसी को चोट पहुँचाने, या किसी को क्या करना चाहिए ये बताने का प्रयास हरगिज़ नहीं किया जाता। ऐसे ही, कृपया ये प्रयास मेरे साथ न करें। प्रश्न पूछना चाहें, तो गूगल फॉर्म संलग्न है, वहां पूछ सकते हैं।

About Author

Anupama Garg

Anupama is an ever-evolving person, deeply interested in human behavior, specially human sexuality. She has vastly researched alternative sexual lifestyles and has also written a series of non-fiction books on the subject with a pseudonym.

She believes in transforming the outlook towards sexuality by structured, quality conversations, one at a time. Apart from this space, she works as a content specialist and researcher, writes poetry and sings for passion.

Instagram: @anupama.garg.25

Facebook: https://www.facebook.com/anu.25.25/

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