Mukesh Kumar Sinha[divider style=’full’]
वो अजीब लड़की
सिगरेट पीते हुए साँसे तेज अन्दर लेती थी
चिहुँक कर आँखे बाहर आने लगती हैं पर खुद को संभालते हुए,
खूब सारा धुंआ
गोल छल्ले में बना कर उड़ा देती है !
ठुमक कर कहती है
देखो कैसे मैंने उसे उड़ा दिया धुंए में, बेचारा
न मेरा रहा, न जिंदगी रही उसकी !
फिर, नजरें बचा कर भीगती आँखों से कह देती
उफ़, हिचकी आयी न,
अन्दर तक चला गया धुंआ !
अजीब ही है वो अजीब लड़की !
वही अजीब लड़की, गियरवाली साइकिल को चलाते हुए
फर्राटेदार उडाती है, और ठोक देती है
मर्सिडीज का बोनट
मुस्काते हुए कहती है सहेली से
गलती से आँख भींचते हुए मैंने आगे देखा
तो मुझे लगा, वही बैठा है उसमें !
तभी तो जान से मारने का मन हुआ उसको
सायकिल से मर्सिडीज का क़त्ल !
अजीब लड़कियां ऐसे ही तो मारती हैं किसीको !
है न !
प्यार में पागल हो कर
फिर मरने के बदले मारने का तरीका बताती हैं
अजीब सी लड़कियां ….. !
जिंदगी जीना जानती हैं
शायद ये अजीब सी लड़कियां !
अपने पहले ब्रेकअप के बाद
दुसरे वाले बॉयफ्रेंड के उँगलियों को
अपने मध्यमा और तर्जनी में दबाये
खिलखिलाते हुए
उसके मर्दानेपन को ढूंढते हुए कह उठती है
यार उस जैसा नहीं तू !
खूब सक्सेस का झंडा गाडती हैं,
सीरियसनेस ऐसा कि भुल जाती है
मम्मा पापा तक को
पर अकेलेपन में चुपके से बिलख कर रोती हैं
और अगर कोई सामने दिख जाए
तो उसके आँखों में आँखे डाल
कह उठती हैं, देखना तो कुछ चला गया है आँखों में
ऐसी तो होती है ये अजीब सी लड़कियां !
अजीब सी जिंदगी के
अजीब अजीब पन्नों को
अजब गजब पलों में रंगते हुए
बेशक लगती हैं अलग ये अजीब सी लड़कियां
पर धडकते धडकनों के साथ
सीने पर रख कर अपना सर
आँखे मूंदे, बेहद अपनी सी लगती हैं ये अजीब सी लड़कियां !!
शुक्रिया इस शेयर के लिए ……….:)