Hukum Singh Rajput
भागीग्यो उ अंगरेज जणीने धरती गेणे राखी थी!
चांदी सोनो घणो लुटायो फिर भी खन्दी बाकी थी!!
शहीदों के बलिदान से या धरती अपणी वयीगी रे!
आजादी की रक्षा करलो या जवान वयीगी रे!!
मंगल पांडे का बलिदान था बलिदान झांसी की राणी का!
लाखों ने दिया था बलिदान उनकी याद बाकी रयीगी रे!! आजाद
पूरब में सुबास चन्द्र था पश्चिम में बापू प्यारा!
भगत सिंह का काम था था सबसे न्यारा!!
जलियांवाला बाग में खून की नन्ही बयीगी रे!!! आजादी
बड़ा बड़ा बलिदानी था बलिदान उनका नारा था!
गांधी नेहरु आगे थे पीछे पीछे भारत सारा था!!
बंगाल मे दनदन गोली चली थी आंदोलन गुजरात में!
अंगरेज सारा चली गया एक ही रात में!!
चांदनी ने पहले देखी आजादी अने धूप पाछे रयीगी रे !! आजादी
जाते जाते फिरंगी फूट का बीज बोइगी रे!
सावधान रीजो देश वासियों शहीदों की बाणी कयीगी रे!!
थाने हुकम समझावे सबकी समझमें अइगी रे!! आजादी

Hukum Singh Rajput
Water & Agriculture Scientist
Dewas, Madhya Pradesh
Hukum Singh Rajput, is a farmer, poet, inventor and innovative community scientist. The farmer played a key role in transforming the economies of hundreds of villages.