रक्षाबंधन — Er Brij Umrao

Er Brij Umrao भाई बहन का प्यार,यह राखी का त्योहार।बहना दूर से चलकर आई,कम न हो अपना प्यार।।प्रेम प्यार सुचिता का संगम, न हो मलाल मन में जड़ जंगम। भ्रात प्रेम की धारा बहती, मन में न साल न कोई गम।। नहीं कामना कुछ पाने की, भैया तू निश्चिंत रहे। प्रेम दिवस पर मिल तेरे से, हर पलछिन आनंद रहे।। स्नेह प्रेम की यह गंगा, अविरल बहती रहे सदा। मिल… Continue reading