आजादी — Hukum Singh Rajput

Hukum Singh Rajput भागीग्यो उ अंगरेज जणीने धरती गेणे राखी थी! चांदी सोनो घणो लुटायो फिर भी खन्दी बाकी थी!!शहीदों के बलिदान से या धरती अपणी वयीगी रे! आजादी की रक्षा करलो या जवान वयीगी रे!!मंगल पांडे का बलिदान था बलिदान झांसी की राणी का! लाखों ने दिया था बलिदान उनकी याद बाकी रयीगी रे!! आजादपूरब में सुबास चन्द्र था पश्चिम में बापू प्यारा! भगत सिंह का काम था था… Continue reading

बदली — Hukum Singh Rajput

​हुकुम सिंह राजपूत ​रहती हू———घर नही!भागती हू——-डर नही!उड़ती हू—— –पर नही!देती हू ——- कर नही!आदि से हू —–अमर नही!नारी हू ———–नर नही!बिन मेरे गुजर बसर नही!इस पहेली का अर्थ है ​बदली​आइये बदली पर प्रकाश डाले:नित्य कहॉ से आती बदली,नित्य कहॉ जाती है बदली!अपना रङ्ग जमाती बदली,सबको नाच नचाती है बदली!झटपट रङ्ग बदल देती बदली,सफेद से लाल काली हो जाती है बदली!तुरन्त आकाश से हट जाती बदली,कभी आकाश पर छाई रहती है… Continue reading