Vivek "सामाजिक यायावर"
मैंने अपने जीवन में बहुत उपवास किए हैं। महीने में कई बार उपवास करना, मेरे जीवन की सामान्य चर्या रही है। मैंने अपने जीवन में सबसे लंबा उपवास 18 दिवसीय किया। इस उपवास में सातवें दिन से नींबू व नमक लेना शुरू कर दिया था, छठवें दिन तक केवल पानी। सन् 2004 में इस उपवास के बाद मैंने उपवास करना लगभग बंद कर दिया। कई-कई महीनों में वर्ष में एक दो बार, कभी कभार एक से दो दिन के उपवास करता रहा लेकिन लंबे उपवास नहीं किए। दो दिवस से अधिक लंबा उपवास लगभग 14 वर्षों बाद फरवरी 2018 में किया।
11 फरवरी 2018 से 15 फरवरी 2018 तक चले पांच दिवसीय जल-उपवास की दिनचर्या: (कुछ फोटो भी हैं)
पहला दिन
दूसरा दिन
तीसरा दिन
चौथा दिन
पांचवा दिन
योजना है कि हर महीने पांच दिन तक जल-उपवास किया जाए। जल-उपवास का अर्थ केवल जल ग्रहण करना और कुछ भी नहीं। अगला उपवास 3 मार्च 2018 से 7 मार्च 2018 तक चलेगा।
(*आदि मेेरी एकमात्र संतान हैं, जिनकी आयु सत्रह महीने की पूरी हो चुकी है।)
About author:
Vivek Umrao Glendenning "SAMAJIK YAYAVAR"
- The Founder and the Chief Editor, the Ground Report India group
- The Vice-Chancellor and founder, the Gokul Social University, a non-formal but the community university
- The Author, Books
He is an Indian citizen & permanent resident of Australia and a scholar, an author, a social-policy critic, a frequent social wayfarer, a social entrepreneur and a journalist;He has been exploring, understanding and implementing the ideas of social-economy, participatory local governance, education, citizen-media, ground-journalism, rural-journalism, freedom of expression, bureaucratic accountability, tribal development, village development, reliefs & rehabilitation, village revival and other.
For Ground Report India editions, Vivek had been organising national or semi-national tours for exploring ground realities covering 5000 to 15000 kilometres in one or two months to establish Ground Report India, a constructive ground journalism platform with social accountability.
He has written a book “मानसिक, सामाजिक, आर्थिक स्वराज्य की ओर” on various social issues, development community practices, water, agriculture, his groundworks & efforts and conditioning of thoughts & mind. Reviewers say it is a practical book which answers “What” “Why” “How” practically for the development and social solution in India.