आज दिनांक 23 फ़रवरी 2017 को बिहार चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स पटना के सभागार में असंगठित क्षेत्र कामगार संगठन के द्वारा सामाजिक सुरक्षा अधिकार अभियान के तहत राज्य अस्तर पर विमर्श सभा का आयोजन किया गया इस मौके पर मनानिये दुलाल चाँद गोस्वामी पूर्व शर्म संसाधन मंत्री, श्री विद्यानंद विकल पूर्व अध्यक्ष अनुसुचित जाति योग, श्री बिन्देश्री सिंह राष्ट्रीय शरीक सघ के अध्यक्ष, श्री दुनु राय साझा मंच दिल्ली अवम असंगाथिक छेत्र कामगार संगठन के 28 जिलो के पर्तिनिध, सौरभ कुमार एक्शन एड रुपेश कुमार भोजक का अधिकार अभियान बिहार, कपिलेश्वर राम अध्यक्ष दलित अधिकार मंच, राकेश सचिव बिहार विकलांग अधिकार मच, आश्र्फी सदा अध्यक्ष मुसहर विकास मच, महफूज़ आलम अध्यक्ष जन अधिकार पार्टी पटना विश्वविध्यालय रंजम कुमार निदान संस्था, राकेश त्रिपाठी सदस्य नासवी अवम अनन्य जन संगठन के पर्तिनिधि इस विमर्श सभा में शामिल हुए।
कार्यकर्म के शुरवात में संगठन के राज्य संयोजक विजय कान्त ने बिहार के असंगाथिक क्षेत्र के कामगारों की समस्यावो वो मुद्दों पर विचार प्रकट करते हुए असंगठि कामगारों के हक़ में नागरिक मांग पत्र के 18 सूत्री मानगो को पढ़ कर सदन में प्रस्तावित किया. संगठन के रन निति व वैचारिक सलाहकार पंकज श्वेताभ ने बिहार में असंगाथिक क्षेत्र कामगार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम 2008 की समीक्षा प्रस्तुत करते हुए कहा की असंगठित कामगारों के हक़ में बने इस अधिनियम को बिहार सरकार लागु करने में अनदेखी कर रही है, उक्त अधिनियम के मुताबिक राज्य नियमावली का निर्माण नहीं हुआ, बिहार राज्य अस्तर पर सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन नही हुआ, असंगठित कामगारों का निंधन व यूनिक नंबर युक्त स्मार्ट कार्ड को अब तक निष्पादन कार्य सरकारी अस्तर से नही किया गया, बिहार के प्रतेक जिला स्तर पर अबतक श्रीमिक सुचना संसाधन केंद्र की स्थापना भी नही हुआ. इन संदर्भो में उन्होंने नागरिक मांग पत्र का हवाला देते हुए कहा की देश के 94% व बिहार में 96% असंगठित क्षेत्र के दायरे में कामगारों के हक़ में संवैधानिक संसोधन कर सामाजिक सुरक्षा अधिकार को मौलिक अधिकार के अंतर्गत सम्मान पूर्ण जीवन जीने का अधिकार के रूप में मान्यता दिलाने, असंगठित कामगारों के हित में राष्ट्रीय व राज्य सरकारों के वित्तय बजट का 10% हिस्सा का प्रावधान होना चाहिए, न्यूनतम मजदूरी के सिधांत का समीक्षा बर्तमान के महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए नयी निति बननी चाहिए ताकि श्रमिको को उनका श्रम का उचित व सम्मान पूर्ण मूल्य प्राप्त हो, विशाल असंगठित संगार तबके के हित के लिए नोटी व योजना तथा राज्य व राष्ट्र की अर्थव्यस्था को मजबूत करने हेतु राज्य स्तर पे श्रमिक आयोग का भी गठबं करना आवश्यक है साथ ही वृधा, विधवा, विकलांग पेंशन योजना के तहत लाभुको को कम से कम पांच हज़ार रुपया या न्यूनतम मजदूरी का पचास फीसदी मासिक दर के हिसाब से मिलने का प्रावधान होना चाहिए ताकि वे सभी सम्मानपूर्ण जीवन जीने का अधिकार को सही मायने में जनहित में दिखे. इन तमाम मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सभागार में उपस्थित विभिन्न जन्संगाथानो अवम ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों से अपील किया की पुरे प्रदेश में सभी असंगठित कामगारों को न्याय दिलाने के लिए सामाजिक सुरक्षा अधिकार अभियान को जन व्यापी अभियान बनाने हेतु आगामी समय में अपनी एकजुटता दिखाए. इस अवसर पर उपस्थित एटक के उप महासचिव गजनफर नवाब में सभी को उत्साहित करते हुए संगठन के द्वारा प्रस्तावित पंग पत्र को जायज बताते हुए बिहार में एक बड़ी जन अन्दोलन का आगाज़ को अंजाम देने की अपील की. इस मौके पे उपस्थित दुलाल चंद गोस्वामी एवं विद्यानंद विकल ने संगठन के दुवारा मांग पत्र को समर्थन करते हुए कहा की यह जन आन्दोलन बिहार से शुरू होकर राष्ट्रीय स्तर पर एक महासम्मेलन का आयोजन भी हो ताकि किन्द्रिय सरकार इन प्रस्तावों के आलोक में असंगठित कामगारों के हित में नये सिरे से एक विशेष निति, अधिनियम 2008 का संसोधन हो तथा सामाजिक सुरक्षा अधिकार को संवैधानिक संसोधन के उपरांत मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता मिले. इस कार्यकर्म के आयोजन में संगठन के अजय कुमार, अभिषेक कुमार, सुनील बासु, नीलम,आदि ने मुख्य भूमिका निभाई।