महाशिवरात्रि के अवसर पर हर शख्स अपने भीतर छुपे अपराधितत्व की गीता महायज्ञ के माध्यम से आहूति दे इसके लिये पखवारे का आयोजन किया गया है. इस पखवारे का शंखनाद ७ मार्च २०१६ को सोमनाथ से होगा. गीता के जरिये तमाम तनावों से मुक्ति पाई जा सकती है. शान्ति प्राप्त की जा सकती है. जिसके लिये सर्वप्रथम हमें अपने भीतर छिपे अपराधितत्व से मुक्ति पानी होगी जिसके उपाय गीता में स्पष्ट बताए गये हैं. बस जरूरत है हमें उन उपायों का आत्मसात करने की. हर सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत शिक्षण संस्थानों से होती है. इस आत्मावलोकन और आत्मउद्धार के गीता महायज्ञ की शुरुआत भी सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से होगी।
सोमनाथ से ७ मार्च को भक्त कवि नरसी मेहता विश्व विद्यालय से होने वाली शुरुआत ८ को पोरबन्दर में आहूति देते हुए आगे बढ़ेगी, द्वारका मे नौ मार्च को महायज्ञ का अगला चरण होगा, राजकोट में सौराष्ट्र विश्वविद्यालय में १० मार्च को इसका प्रमुख चरण प्रारम्भ होगा. १२ मार्च को अहमदाबाद साबरमती जेल में अपराधमुक्ति का संकल्प लिये जायगा. १४ मार्च को यह यात्रा उदयपुर होते हुए जयपुर पहुंचेगी,१८ मार्च को दिल्ली में अगला चरण पूरा होगा, २०-२१ मार्च को यह वाराणसी में आकर विश्वनाथ जी के समक्ष संपन्न होगी।
समाज को अपराधमुक्त बनाकर रोजमर्रा के तनावों से मुक्ति पाकर शान्ति की स्थापना की जा सकती है. बशर्ते हम श्रीमद भगवद्गीता में बताय गये रास्ते का आत्मसात करके इस लक्ष्य को पाने के प्रबल आकांक्षी हों. गीता महायज्ञ पखवारे का आयोजन भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान के तत्वावधान में किया जा रहा है. जिसका नेतृत्व संस्थान के संस्थापक श्री राम कृष्णा गोस्वामी करेंगे. श्री गोस्वामी ने सत्चरित्र विकसित करके समाज को अपराधमुक्त बनाने के इक्षुक लोगों से इस महायज्ञ में शामिल होने का आह्वान किया।