धार्मिक कथाएं व ग्रंथ, इतिहास व इतिहासकार
किसी भी धर्म की अधिकतर पौराणिक कथायें, उस धर्म के लोगों को स्थायी रूप से मानसिक गुलाम रूपी अनुगामी बनाने के लिए लिखी गईं हैं। ताकि धर्मों की अमानवीयता, ऋणात्मकता व शोषण वाले गहरे तत्वों पर कभी सवाल न खड़ा हो पाए। यही कारण है कि पौराणिक कथायें, कथाओं में सत्य तथ्यों के अस्तित्व का भ्रामक अनुभव कराती हुई, मनुष्य सभ्यता के विकास का दावा करते हुए उसको अपनी… Continue reading