Ajay Kabir
खेतवा सारे बैल चरि गए,
घरे न आवा अनाज।
कौनो बात नही,
मुल्ला तो औकात मा हैं।
नोटबन्दी मा छुटि नौकरी,
पेट मा परि गा लात।
कौनो बात नही,
मुल्ला तो औकात मा है।
ई टैक्स, उ टैक्स, जीएस टैक्स,
दुकान मा परि गा ताला।
कौनो बात नही,
मुल्ला तो औकात मा हैं।
शिक्षामित्र भये कंगाल,
खाई न जा रही है दाल।
कौनो बात नही,
मुल्ला तो औकात मा है।
पढ़ाई भई इतना महंगी,
कि गई हाथ से छूट।
कौनो बात नही,
मुल्ला तो औकात मा है।
नही चुका पाइन जो ब्याज,
बप्पा खाय लिहिन सल्फास।
कौनो बात नही,
मुल्ला तो औकात मा हैं।
चहुँ ओर हो रहा विकास,
आखिर मुल्ला तो औकात मा हैं।