स्वर्ण भारत पार्टी के अध्यक्ष संजय सोनवणी ने स्वच्छ शासन प्रणाली के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन राज घाट, नई दिल्ली से आज छेड़ दिया है

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स्वर्ण भारत पार्टी के  राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सोनवणी ने स्वच्छ शासन प्रणाली को स्थापित कराने के लिए, लगभग 100 लोगों के साथ दिल्ली में राज घाट से लेकर आई टी ओ तक पद यात्रा करके राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन छेड़ दिया है। इस पद यात्रा में पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता जैसे कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आलोक कुमार, राष्ट्रीय सह-महासचिव विद्युत जैन और राष्ट्र प्रवक्ता श्री राहुल पंडित भी शामिल हुए।

श्री सोनवणी ने कहा कि आज महात्मा गाँधी अपने जन्मदिवस पर भ्रष्टाचार को सरकारी तंत्र के स्तर पर महामारी के रूप में बढ़ा हुआ देखकर अत्यंत दुखी होते। लचर और बीमार शासन प्रणाली से हर नागरिक कदम दर कदम प्रतिदिन ग्रसित है।

श्री सोनवणी ने कहा कि स्वर्ण भारत पार्टी(एस बी पी ) द्वारा 26 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री श्री मोदी को एक खुला पत्र भेजा गया था जिसमें पार्टी ने पुलिस की दुगुनी और न्यायतंत्र की दस गुनी फंडिंग बढाने के लिए अनुरोध किया था। एस बी पी ने बहुत विस्तार से उपयुक्त कारणों और उद्देश्यों के साथ यह समझाया था कि उक्त तंत्रों में फंडिंग को बढ़ाना क्यों जरूरी है। पार्टी ने पत्र में भारतीय पुलिस और न्याय तंत्र की बदहाल तस्वीरें भी भेजी थी।

एस बी पी ने प्रधान मंत्री जी को यह भी बताया कि जरूरतमंद अतिरिक्त फंड पब्लिक सेक्टर उपक्रमों के विनिवेश से आसानी से तैयार किए जा सकते हैं। सरकार को व्यापार करने और बैंकों को चलाकर भारी नुकसान उठाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

महात्मा गाँधी जी ने कहा था “आदर्श सरकार को कम से कम शासन करने की जरूरत होती है। वह स्वराज खोखला है जिसमें सरकार आम लोगों को करने के लिए किसी व्यापार को करने का मौका ही नहीं छोड़े। ” जब लोग व्यापार को खुद चला सकते हैं तो सरकार को व्यापार में फसने की क्या आवश्यकता है। यदि जरूरी समझा जाए तो लोगों के सुचारू रूप से व्यापार को चलानें के लिए सरकार नियंत्रण करे परन्तु सरकार स्वयं सीधे व्यवसाय नहीं करे।

श्री मोदी ने यह दावा किया है कि वो “मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस ” और “सरकार का व्यापार करने का कोई बिज़नेस नहीं है” नारों पर अमल चाहते हैं। इसके बावजूद मोदी सरकार ड्यूटी फ्री शराब और सिगरेट के धंधों में इतनी व्यस्त है की उसके पास शासन करने के लिए कोई वक़्त नहीं है। हाल ही में आई टी डी सी ने अपनी 10 वीं ड्यूटी फ्री दुकान खोली है।

एस बी पी ने मोदीजी को लिखे पत्र में बेहद जरूरी शासन सुधारों को लागू करने के लिए निवेदन किया था, जिसमे ईमानदार लोगों को चुनाव लड़नें का मौका देने के लिए चुनावों का फंडिंग प्रति वोट के आधार पर सरकार द्वारा किये जाने और वरिष्ठ नौकरशाहों के लिए उनके नौकरी में कार्यकाल की गारंटी को समाप्त करने की बात कही गयी थी। लोक सेवकों को परिणाम देने के लिए जवाबदेही की व्यवस्था बनानी जरूरी है। भारतीय रक्षा प्रणाली को बेहद सुद्रढ़ बनाने की आवश्यकता है।

अपनें पत्र में स्वर्ण भारत पार्टी ने यह भी कहा था “यदि आप पार्टी के निवेदनों को लागू कराने मे इच्छुक नही हैं, तब हम यह निष्कर्ष निकालेंगे कि आपकी अत्यंत आवश्यक शासन के सुधारों को लागू करने की मनसा नहीं है और आप भारत के विकास के लिए चिंतित नहीं हैं। ” सच तो यह है कि मोदीजी ने पार्टी के पत्र का जवाब देना भी उचित नहीं समझा।

इस कारण से पार्टी ने राष्ट्र स्तर पर भारत के लोगों के पक्ष में इन जरूरी शासन सुधारों को लागू करवानें के लिए आंदोलन छेड़ दिया है।  श्री सोनवणी नें कहा कि पार्टी इस आंदोलन को तब तक चलाएगी जब तक सभी जरूरी सुधार लागू नहीं किये जाते और सभी भारतवर्ष के लोगों से आंदोलन में शामिल होने की गुज़ारिश की।जब ये सुधार लागू हो जाएँगे केवल तब भारत पुनः सोने की चिड़िया बन सकेगा : सबसे आज़ाद, सबसे समृद्ध और सबसे ताकतवर दुनियां का राष्ट्र ।

 

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