दिल्ली, बिजली और बिजली का बिल

सामाजिक यायावर

जो बिजली भारत में लोग घरों में पाते हैं वह मोटा-मोटी तीन आधारभूत चरणों व क्रम से घर में पहुंचती है-

  1. बिजली उत्पादन (प्रोडक्शन)
  2. बिजली प्रसारण (ट्रांसमिशन)
  3. बिजली वितरण (ड्रिस्ट्रीब्यूशन)

दिल्ली शहर-राज्य भारत का एकमात्र राज्य है जो कि बिजली की खपत तो बेइंतहा करता है, लेकिन उत्पादन नहीं करता है।

दिल्ली के लोगों को पता ही नहीं कि बिजली पूरे देश से जबरन घसीट कर एक तरह से लूटकर दिल्ली वासियों तक पहुंचायी जाती है, इसलिये दिल्ली की बिजली की दरें बिजली वितरण कंपनीज को सब्सिडी दिये बिना, घटायी नहीं जा सकतीं हैं।

अरविंद केजरीवाल जी की दिल्ली सरकार जब भी बिजली वाले वादों अौर दावों की बात आती है तो वितरण कंपनीज के बारे में मीडिया में बयान देना शुरु कर देते हैं, जो कि किसी भी वास्तविक समाधान तक नहीं ही पहुंचना है।

अरविंद जी यदि वास्तव में एक प्रतिशत भी दिल्ली की बिजली के लिये गंभीर हैं तो उन्हें बिजली-उत्पादन अौर बिजली-प्रसारण जैसे प्राथमिक मुद्दों के बारे में सोचना चाहिये।  इन मुद्दों को समाधानित करनें के बाद बिजली-वितरण की खामियां दूर करनें की बात आती है। जब तक बिजली-उत्पादन व बिजली-प्रसारण आदि मुद्दों की बात नहीं होती है तब तक बिजली-वितरण कंपनीज को धमकानें आदि को राजनैतिक व वोट-बैंक की चोचलीबाजी ही कहना अधिक उचित है, क्योंकि इससे समाधान की अोर कोई भी रास्ता नहीं जाता है।

दिल्ली के लोगों नें मौका दिया है, कुछ तो ठोस कीजिये …. आपको इतना विश्वास, ग्लैमर और अपना खुद का भविष्य सौंप दिया …. कुछ वास्तविक सामाजिक प्रतिबद्धता आप भी बिना मीडिया बयानबाजी के जीकर साबित कर दीजिये, ताकि आपके बाद भी लोग किसी पर विश्वास करनें की हिम्मत बनायें रखें।

Tagged , . Bookmark the permalink.

0 Responses to दिल्ली, बिजली और बिजली का बिल

  1. Sunil Kumar says:

    Yes I completely agree with that. This man make mockery of voters trust.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *