रिफ्यूजी — Neelam Swarnkar

​Neelam Swarnkar मेरी आँखों ने जो मंज़र देखे हैंवो सोने नहीं देते रात भरआँख बंद किये भी मैं जागता रहता हूँ।सपने में आने वाले हैवानों को हकीकत में देखा हैवे इंसानों का चेहरा ओढ़े हमारे घर जला रहे थे।​भागते हुए जिन लाशों को लांघाउनमे से कई चेहरे मेरे बेहद करीब थेमेरा छोटा भाई जो बिछड़ गया था मुझसेतीन दिन बाद मिला न रो पाया न हँस पाया।​मेरा सबसे छोटा भाई… Continue reading

मेरी खुराक है गलत का विरोध

Neelam Basant Nandini [themify_hr color=”red”] मेरी ख़ुराक है गलत का विरोध शक्ति है.. मैंने खुद अर्जित की है बदले में मतलबी, घंमडी, आलसी और बुरी लडकी के खिताब पाए हैं.. अभी भी पूरी शक्ति से विरोध नहीं कर पाती रिश्ते, मान-सम्मान आड़े आ जाता है अक्सर एक संस्कारी लडकी से पराजित हो जाती हूँ मैं.. नौ गज लंबी ज़ुबान चपड़ चपड़ चलती है औरत जात को इतना नहीं बोलना चाहिए… Continue reading

मैं अच्छी लड़की नहीं हूँ

नीलम बसंत नंदिनी दुनियां पूरब चलती थी तो मैं पश्चिम लडकियों को लंबे बाल पंसद थे मैंने मान्यताओं पर कैंची चलवायी लड़कियां दुपट्टों के कलेक्शन करतीं मैं थान से कपड़ा काट विद्रोह सिलवाती थी मैंने ज़िद की वो सब करने की जो लडकियों के लिए हेय था पापा हौसला देते रहे मैं उडती रही… परकटी, गंजी, लडकों जैसी लडकी.. जैसे संबोधनों को स्कूटर के पहिए से कुचल आगे बढती रही..… Continue reading