रिफ्यूजी — Neelam Swarnkar
Neelam Swarnkar मेरी आँखों ने जो मंज़र देखे हैंवो सोने नहीं देते रात भरआँख बंद किये भी मैं जागता रहता हूँ।सपने में आने वाले हैवानों को हकीकत में देखा हैवे इंसानों का चेहरा ओढ़े हमारे घर जला रहे थे।भागते हुए जिन लाशों को लांघाउनमे से कई चेहरे मेरे बेहद करीब थेमेरा छोटा भाई जो बिछड़ गया था मुझसेतीन दिन बाद मिला न रो पाया न हँस पाया।मेरा सबसे छोटा भाई… Continue reading