शाम ए गम की कसम, आज ग़मगीन है हम.. : दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि — Vidya Bhushan Rawat

Vidya Bhushan Rawat 1922-12-11 to 2021-07-07दिलीप कुमार हिनुद्स्तानी सिनेमा का सबसे बड़ा नाम जिसे देख कर हम बड़े हुए और सिनेमा के रुपहले परदे पर जो नायको का नायक था. दिलीप कुमार उस युग का प्रतीक भी है जिसकी नीव आज़ादी के आन्दोलन के दौरान पडी और जिसे अपनी वैचारिक निष्ठा से प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने सींचा. किसी भी देश काल का सिनेमा उस देश की समकालीन राजनैतिक परिद्रश्य… Continue reading

फ्रैंक हुजूर का सामान सड़क पर फेंका जाना

Vidya Bhushan Rawat हमारे प्रिय मित्र फ्रैंक हुजूर ने अपनी आखिरी रात किताबों के ढेर और उनकी प्यारी बिल्लियों के साथ खुले में बिताई क्योंकि शहरी विभाग के अधिकारियों ने उन्हें जबरन बाहर निकाल दिया था।यह देखकर दुख हुआ कि लखनऊ के दिलकुशा कॉलोनी स्थित घर से फ्रैंक को बाहर निकालने के लिए अधिकारी किस तरह से हड़बड़ी में थे। यह घर शायद तब आवंटित किया गया था जब अखिलेश… Continue reading

अम्बेडकरवादी बुद्धिस्ट मिशन को समर्पित व्यक्तित्व : डॉ धरम कीर्ति –by Vidya Bhushan Rawat

Vidya Bhushan Rawat अगले माह वह अपना अस्सी वा जन्मदिवस मना रहे होते लेकिन प्रकति के नियमो के आगे हम सभी मजबूर है. बाबा साहेब आंबेडकर के विचारो को समर्पित और बौध साहित्य के विद्वान डॉ धर्म कीर्ति का कल रात को नयी दिल्ली के एक अस्पताल में  देहांत हो गया. वह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. उनकी प्रमुख पुस्तकों में कुछ इस प्रकार से हैं: महान… Continue reading

रजनी तिलक होने का महत्त्व –Vidya Bhushan Rawat

Vidya Bhushan Rawatरजनी तिलक जी का अचानक चले जाना अम्बेडकरवादी महिलावादी आन्दोलन के लिए गहन धक्का है क्योंकि उन्होंने जीवन प्रयत्न इन सवालों पर कोई समझौता नहीं किया और महिलाओं के अधिकारों के लिए वह संघर्षरत रही. आज ये कठिन दौर में साम्प्रदायिकता और जातिवाद के विरुद्ध सीधे खड़े होने के लिए बहुत वैचारिक निष्ठां चाहिए होती है . रजनी तिलक उन गिने चुने लोगो में थी जो बिना किसी… Continue reading

पुस्तक समीक्षा : सामाजिक क्रांति के लिए आवश्यक सावित्रीबाई फुले के महत्वपूर्ण दस्तावेज –विद्या भूषण रावत

Vidya Bhushan Rawat सावित्री बाई ज्योति बा फुले भारतीय इतिहास में सर्वोत्तम युगल के तौर पर कहे जा सकते है. भारतीय समाज में यदि फुले दम्पति के कार्यो को भली प्रकार से समझ लिया और अपना लिया तो अहिंसात्मक  क्रांति अवस्यम्भावी है. पिछले कुछ वर्षो में ज्योति बा फुले के विचारो के विषय में विभिन्न लोगो ने लिखा है लेकिन सावित्री बाई फुले के विचारो और कार्यो के बारे में बहुत… Continue reading

प्यार पर हमला समाज में जातीय सर्वोच्चता को बनाये रखने की साजिश

Vidya Bhushan Rawat कल अंकित सक्सेना के पिता को टी वी पर देखा जहा एंकर महाशय उनको प्रणाम कर रहे थे लेकिन गुस्सा हो गए के केजरीवाल ने मुसलमानों को तो मौत पर अधिक पैसा दिया और हिन्दुओ के नहीं. सर्व प्रथम बात ये के अंकित को मार डाला गया और ये एक अपराध है और कानून के अनुसार अपराधियों के साथ जो होना चाहिए वो होने चाहिए. पुलिस ईमानदारी से… Continue reading

अमन और मुहोब्बत का पैगाम देता ‘मिया बीवी और वाघा’

Vidya Bhushan Rawat आज बहुत दिनों बाद लाइव परफॉरमेंस देखी. इंडिया हैबिटैट सेण्टर में दुबई से आई गूँज की प्रस्तुति मिया बीवी और वाघा ने हम सभी को एक आइना भी दिखाया जो आजकी मशीनी दुनिया में रिश्तो को मात्र पैसो से जोड़कर देखती है, जहाँ ‘सफलता’ के लिए हम सब जगह जाते हैं, सब प्राप्त करते है लेकिन प्यार से बातचीत के लिए समय नहीं है. आमना खैशगी और एहतेशाम… Continue reading

अन्धविश्वास का राजनीतिक कुचक्र

Vidya Bhushan Rawat डार्विन के सिद्धांतो को माननीय मंत्री जी के ख़ारिज करने के बाद से मानो भूचाल आ गया है. देश के वैज्ञानिको ने कहा के सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए और मंत्री जी के वक्तव्य पर तरह तरह की प्रतिक्रियाये आ रही है लेकिन फिर एक बात कहना चाहता हूँ के क्या मंत्री ने जो कुछ कहा वो अचानक मुंह से निकली कोई बात थी या ये सब… Continue reading

चन्द्र सिंह गढ़वाली :: स्वाधीनता आन्दोलन में सांप्रदायिक सौहार्द की मिशाल पैदा करने वाला का एक नायक

विद्या भूषण रावत अक्टूबर १ को पेशावर काण्ड के नायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की पुण्य तिथि थी लेकिन सतही तौर पर याद करने के अलावा उनके बारे में बहुत कुछ जानकारी न तो उपलब्ध है और न ही उनके जीते जी उन्हें सत्ताधारी इज्जत दे पाए क्योंकि चन्द्र सिंह हमेशा ही सत्ताधारियो से टकराए. वह आर्य समाजी थे और  गाँधी से भी बहुत प्रभावित थे लेकिन उनके विचार और… Continue reading

अनंत नाग में अमरनाथ तीर्थ यात्रा में आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की जानी चाहिए

Vidya Bhushan Rawat अनंत नाग में अमरनाथ तीर्थ यात्रा में आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की जानी चाहिए. ये भी हकीकत है के ऐसे हमले सीमा पार की शह के बिना पे नहीं हो सकते हैं लेकिन भारत सरकार की कश्मीर निति पूर्णतः असफल हो चुकी है. हम जानते है के इस वक़्त भक्त पत्रकार मामले को सांप्रदायिक रूप देने में व्यस्त होंगे और कई ने ट्वीट करना शुरू किया… Continue reading