उनका पिरामिड उलट दीजिये

Amar Tripathi [themify_hr color=”red”] दुनिया भर के समाजशास्त्रीय और अर्थशास्त्रीय सिद्धांतों को धूल चटा जाईये और सिर्फ यह सोचिये कि आप अपने लिए कैसी जिंदगी चाहते हैं और अपने लिए कैसी दुनिया ? करेंसी और बैंकिंग के जिस स्कैम ने आज हमें और आपको घेर रखा है और हमारी जिंदगियों को सुविधा पूर्ण बनाने के नाम पर वह हमारी साँसों तक को जिस तरह डिक्टेट कर रहा है, क्या वह… Continue reading

इनकम, इनकमटैक्स और हमारा पोपट

Amar Tripathi [themify_hr color=”red”] दुनिया में सिर्फ दो तरह के लोग बसते है : एक जो पैसे के लिए काम करते हैं। दूसरे जो अपने पैसे से काम लेते हैं। आप कारीगर हैं, किसान हैं, मिल या फैक्ट्री के मजदूर हैं, अध्यापक हैं, बुद्धिजीवी हैं, पेंटर हैं, कलाकार हैं, सरकारी,अर्ध सरकारी या निजी उपक्रम में कर्मचारी हैं,  तो जाहिर है आप पैसे के लिए काम कर रहे हैं।  यदि आप… Continue reading

प्यार में बाजार

Amar Tripathi [themify_hr color=”red”]   चारों तरफ प्रेम का परनाला बह रह रहा हैं—सोशल मीडिया में, रेडियो-टेलीविजन में, अखबारों में. युवाओं को फ़िल्मी गानों के माध्यम से प्रेम करने के लिए उकसाया जा रहा है, जिससे कहीं वे इस पचड़े में पड़े बिना ही 14 फरवरी न निकाल दें. इस सबका वास्तव में वाजिब असर भी हुआ है, और इतना हुआ है कि वे अब जाग गए हैं और लगता… Continue reading