कुछ छोटी कविताएँ

Veeru Sonker[divider style=’right’] [१] ‘निरुत्तर’ मैंने गंभीरता ओढ़ कर एक हलकी सी मुस्कुराहट के सहारे वह कई प्रश्न, जो मुझे फसा सकते थे उन्हें वापस प्रश्नकर्ताओ की ओर लौटा दिया. अब वह फसे थे और मैं गंभीर था मुस्कुराहट के निहितार्थों में वह एक जायज उत्तर तलाश रहे थे. और मैं तैयार था उन उत्तरो पर एक बार फिर गंभीर मुद्रा में मुस्कुराने को. [२] ‘तरीका’ मैंने सोचा मेरा तरीका… Continue reading