युध्द, राष्ट्र और राजा
Bhanwar Meghwanshi एक दौर की बात है,एक देश था,एक राजा थाचुना हुआ प्रतिनिधिपर उसे राजा होने कागुमान था। देश के लिए,देश के नाम परउसने सब कुछ किया।कुर्बानियां दी,बलिदान कियेशहादतें करवाई।वैसे ही,जैसे हर राजा करवाता है । राजा -मरवाता रहा सैनिकप्रजा -देती रही श्रद्धांजलियाँ रह रह करउठता रहा ज्वार राष्ट्रभक्ति का .. चलती रही गोलियां होते रहे विस्फोटमरते रहे सैनिकबहता रहा लहू चीखते रहे चैनल्स प्रजा मनाती रही शोकशहीदों को चढ़ाती रही पुष्प राजा करता रहा राज इसके अलावा वह कर भी क्या सकता… Continue reading