विकास का अर्थ कृत्रिमता बनाम सहज प्रकृति

Apoorva Pratap Singh पिछले साल एक न्यूज़ थी कि घर में आग लगने पर पालतू कुत्ता और मालिक का दुधमुंहा बच्चा जल के मर गए । जब उनकी लाश निकाली गयी तो कुत्ते की पूरी जली बॉडी उस बच्चे के ऊपर झुकी हुई हालत में मिली। अर्थ यह है कि वो कुत्ता उस बच्चे को आग से बचाने की कोशिश में उस बच्चे के ऊपर झुका रहा, क्यूंकी उसे लगा… Continue reading

सेलेब्रिटी एक्टिविज़्म : फेमिनिज़्म का सेफ्टी वाल्व –Apoorva Pratap Singh

Apoorva Pratap Singh एक साक्षात्कार में स्वरा भास्कर से पूछा गया कि कास्टिंग काउच होता है या नहीं ? वो ढीठ की तरह मुस्कुराते हुए बात को घुमाती रही पर उत्तर नहीं दिया पूछने वाले ने कहा कि सिर्फ यस या नो में उत्तर दे दीजिए पर स्वरा भास्कर जो लम्बी चिट्ठी पत्री या सो कॉल्ड एक्टिविज़्म आउट्रेज करने का समय निकाल लेती हैं उनसे हां या ना, वो भी… Continue reading

तमाशा –अपूर्वा प्रताप सिंह

Apoorva Pratap Singh खूँटे में एक औरत एड़ियों से बंधी पड़ी है। उसके पति ने पैर से उसका गला दबा रखा है और डंडे से पीट रहा है। वो दोनों हाथों से अपना गला छुड़ाने की असफल कोशिश कर रही है। जब-जब उसके शरीर पर डंडा पड़ता है , उसका शरीर ऐंठ जाता है। गला दबा है तो चीख नहीं पा रही। यही उसका प्रतिरोध है और यही उसकी प्रतिक्रिया। वहाँ वो… Continue reading

महावरी, सैनेटरी पैड से जुड़ी वर्जनाएं एवं हमारी नासमझी

Apoorva Pratap Singh मेरा दोस्त है पारीक, उसने पिछले साल मुझे कहा था कि विडम्बना है कि सैनेटरी पैड की कम्पनी अपना नाम व्हिस्पर (फुसफुसाहट) रखती है ! मतलब टैबू मॉडर्निटी के संग संग चल रहा है । कुछ कुछ वैसी ही अक्षय की फिल्म है । अच्छी कोशिश है इससे इंकार नहीं ! खैर ! जब हम एड देखते हैं किसी sanitary पैड्स ब्रांड का उसमें कपड़े की कई प्रॉब्लम्स… Continue reading

धर्म रक्षा के नाम पर धार्मिक भीरूपन और मानसिक संकीर्णताएं

Apoorva Pratap Singh [divider style=’full’] जब मैं पैदा हुई थी उससे कुछ समय पहले बाबरी तोड़ी गयी थी । राम एक नारा बन चुके थे । फिर भी घर के वातवरण के कारण मैं एक लंबे समय तक इस बात गर्व करती रही कि मेरे पास हजारों भगवान हैं फिर पता नहीं कैसे मेरे दिमाग में अपने आप आया कि राम इन सबके बॉस हैं । यकीनन माहौल से आया,… Continue reading

अब तक आपने आईने से धूल साफ क्यों नहीं की है?

Apoorva Pratap Singh मैंने उनको बचपन से देखा । उनकी और मेरी उम्र में बड़ा फासला होते हुए भी उन्होंने उनके दिल में आई हर बात पहले मुझे बताई । जब वो नवी में थी तब से उनको शादी करनी थी, फिर बारहवी करते हुए भी उनको शादी करनी थी । जिन जिन से उनकी बात चल सकती थी उनके बारे में भी बताती थी मुझे । मैंने उनको तब… Continue reading