घूमंतू का पिटारा Nomad’s Hermitage जो बोलता है तो बोलता है”
सामाजिक यायावर घूमंतू यह नही कह सकता कि यह उसका सौभाग्य था या दुर्भाग्य था। किंतु उसको भूतकाल में कई ऐसे बहुत बड़े किसम वाले सामाजिक लोगों, उनके द्वारा संचालित संस्थाअों अौर उनके सबसे निचले दर्जे के कार्यकर्ताअों के साथ काम करने का बहुत मौका मिला है। क्या कहा अापने कि ये लोग बड़े कैसे हैं? बड़ी उम्दा किस्म की बात पूंछी अापने तो ये बड़े इसलिये माने जाते हैं… Continue reading