Prof Puneet Shukla
तुम
अपने उन बच्चों से
तुरन्त क्षमा माँगो
जिनको तुमने
केवल इस बात पर पीट दिया
क्योंकि उन्होंने तुम्हारी बात नहीं मानी।
तुम
अपने उन बच्चों से
तुरन्त क्षमा माँगो
जिनको तुमने
केवल इसलिए मार दिया या छोड़ दिया
क्योंकि उन्होंने अपनी पसन्द का जीवनसाथी चुना।
तुम
अपने उन पड़ोसियों से
तुरन्त क्षमा माँगो
जिनको तुमने
केवल इसलिये नफ़रत किया
क्योंकि वे दूसरे धर्म, जाति या विचारधारा के व्यक्ति थे।
तुम
अपने उन पड़ोसियों से
तुरन्त क्षमा माँगो
जिनको तुमने
केवल इसलिये सज़ा दिया
क्योंकि उनके पूर्वजों ने कुछ गलतियाँ की थीं।
तुम
अगर इस तरह क्षमा माँगोगे तो
तुम्हारी ग़लतियों में सुधार नहीं होगा
लेकिन, यह संसार थोड़ा सा सुधर जायेगा
और, आने वाली पीढ़ियों के लिये
रहने लायक एक अच्छी दुनिया का निर्माण शुरू होगा।

Prof Puneet Shukla
बढ़िया कविता, जिसकी अभी बहुत जरूरत है।
जी बिलकुल
उत्तम विचार । क्षमा याचना आसान नहीं मुश्किल है, अगर इतनी महानता इंसान में आजाये तो द्वेष और वैमनस्य का कोई वज़ूद ही नहीं रहेगा।
यदि मनुष्य ईमानदार है, संवेदनशील है तो क्षमायाचना बिलकुल भी मुश्किल नहीं। अन्यथा मुश्किल ही नहीं, असंभव सा है।
बहुत अच्छी कविता। इस दुनिया में जिस जिस बात के लिए बच्चों को प्रताड़ित किया गया हमें हर उस बात के लिए उनसे माफी मांगनी चाहिए।
बिलकुल
उत्तम विचार । क्षमा याचना आसान नहीं मुश्किल है, अगर इतनी महानता इंसान में आजाये तो द्वेष और वैमनस्य का कोई वज़ूद ही नहीं रहेगा।
शानदार कविता
अच्छी कविता