“झाड़ुई चिराग” टाइप टोटकों से ही देश/समाज में असल बदलाव होते हैं

विवेक उमराव ग्लेंडेनिंग  "सामाजिक यायावर"  * लेखक - "मानसिक, सामाजिक आर्थिक स्वराज्य की ओर  * मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार * संपादक - ग्राउंड रिपोर्ट इंडिया समूह

विवेक उमराव ग्लेंडेनिंग
“सामाजिक यायावर” 

दिल्ली की बिजली समस्या का जमीनी और स्थायी समाधान : कुछ रामबाण टाइप्स नुस्खे ::

  • धरनें में बैठ जाइये।
  • पूरे देश में अपनें फालोवरों को मोमबत्ती सुलगानें के लिये आवाहन कीजिये
  • अपनें फेसबुकिया पोस्टरबाजों की रातदिन की ड्यूटी भारत सरकार को गरियानें में लगा दीजिये।
  • अपनें प्रवक्ताओं अौर मीडिया-एक्सपर्ट्स को रातदिन मीडिया की बहसों में समय, संसाधन और ऊर्जा का सदुपयोग करनें के लिये कहिये, ताकि बिजली की समस्या का हल मीडिया बहसों रूपी “झाड़ुई चिराग” को घिसकर तुरत फुरत निकाला जा सके।
  • अपनें पोस्टरबाजों को रातदिन यह साबित करनें में लगा दीजिये कि यदि दिल्ली पुलिस राज्य सरकार के अंडर में होती तो बिजली जैसी समस्यायें न होंतीं।
  • मीडिया में बयानबाजी बढ़ा दीजिये
  • रेडियो में हर मिनट यह गाना बजावाईये ” लोकपाल होता तो बिजली का उत्पादन होता और सबको फोकट में बिजली मिलता होता” ।
  • दो चार बड़े उद्योगपतियों को अपनी पार्टी में हंगामें के साथ ज्वाइन कराईये तुरत।
  • एक सबसे जरूरी बात, दूसरों को गरियाना न भूलियेगा, यह नुस्खा तो आधारभूत नुस्खा है, इस नुस्खे के बिना तो सब नुस्खे फेल वह भी फौरन से भी पेश्तर।

पिज्जा/बर्गर किसम की फंडामेंटल मूल्यों वाली क्रांतिकारी और सामाजिक बदलाव की गहरी समझ रखनें वाले महापुरुष लोग अपनी गूढ़ समझ व इमानदार टाइप्स सामाजिक दूरदर्शिता से और भी शानदार व खालिस नुस्खे इसमें जोड़कर अपनीं पोस्टरबाजी लगातार कायम रख सकते हैं।

इन्हीं टोटकों से देश में बदलाव होते हैं। जै हो।

 

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