भारत के स्कूलों-कॉलेजों में शिक्षा मात्र सहित समाज विज्ञान और भौतिक विज्ञान को समझ सकने वाली क्रिटिकल थिंकिंग का नष्ट किया जाना –Sanjay Jothe

Sanjay Jothe भारत की इंजीनियरिंग मेडिसिन और मेनेजमेंट की पढाई के बाद अब समाज विज्ञान दर्शन इतिहास और मानविकी की शिक्षा की भी बात कर लेते हैं. तुर्की और अफ्रीका का उदाहरण यहाँ महत्वपूर्ण है. जब प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार हुआ और तुर्की में प्रेस लगने के बाद किताबें छपकर समाज में फैलने लगीं तब तुर्की की राजसत्ता और धर्मसत्ता को खतरा पैदा हुआ कि इस तरह ज्ञान फैला तो… Continue reading

सोलह आने सच

Mukesh Kumar Sinha झूठ-मूठ में कहा था तुमसे करता हूँ प्यार और फिर उस प्यार के दरिया में डूबता चला गया ‘सच में’ ! डूबते उतराते तब सोचने लगा किसने डुबोया कौन है ज़िम्मेदार? झूठ का चोगा पहनाने वाला गुनाहगार ? और वजह, इश्क़-मोहब्बत-प्यार ? हर दिन आँख बन्द होने से पहले खुद ही बदलता हूँ पोशाक दिलो दिमाग पे छाए झूठ के पुलिंदे को उतार अपनी स्वाभाविक सोंधी सुगंध… Continue reading

स्मृतियाँ

Mukesh Kumar Sinha थोडा बुझा सा मन और वैसा ही कुछ मौसम शून्य आसमान पर टिकी नजरें, और ठंडी हवा के झोंके के साथ जागी, उम्मीद बरसात की उम्मीद छमकते बूंदों की उम्मीद मन के जागने की !! होने लगी स्मृतियों की बरसात मन भी हो चुका बेपरवाह सुदूर कहीं ठंडी सिहरन वाली हवा सूखी-सूखी धूल धूसरित भूमि सौंधी खुश्बू बिखेरती पानी की बूंदे मन भी तो, होने लगा बेपरवाह… Continue reading

भारत की शिक्षा व्यवस्था और “वर्ण-माफिया” –Sanjay Jothe

Sanjay Jotheभारत में आजादी के बाद इंजीनियरिंग, विज्ञान, मेडिसिन या मेनेजमेंट या दर्शन मानिविकी और समाज विज्ञान की पढाई करने वाले तबके पर और उसकी समाज या देश के प्रति नजरिये पर गौर करना जरुरी है. भारत के इस सुदीर्घ दुर्भाग्य और हालिया “गोबर और गौमूत्र” के विराट दलदल को समझने के लिए हमें इस पीढ़ी के मन को और “वर्ण माफिया” के काम करने के तरीके को समझना होगा.… Continue reading

नितीश कुमार, भाजपा व बिहार : पसंद नापसंद के खाचों से इतर व्यवहारिक चर्चा

Vivek “Samajik Yayavar” यदि मार्च 2000 में जब नितीश कुमार केवल 8 दिनों के लिए बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, को छोड़ दिया जाए तो नितीश कुमार नवंबर 2005 में स्थाई रूप से बिहार के मुख्यमंत्री बने। 2005 में जनतादल (यू) व भाजपा ने बिहार में चुनाव मिल कर लड़ा था, वह भी लालू यादव के विरुद्ध। 2005 से 2010 तक जनतादल (यू) व भाजपा ने मिलकर सरकार चलाई। 2010… Continue reading

सरकार द्वारा झुग्गीवासियो की अनदेखी दुःखद : लक्ष्य

दिनांक 22 जुलाई 2017 को लक्ष्य की महिला टीम ने  “लक्ष्य झुगी झुगी” अभियान के तहत   लखनऊ के जानकीपुरम के सेक्टर जी की झुगिओ का दौरा किया तथा वहां  के निवासियों से उनकी समस्याओं को सुना व् उनके साथ सामाजिक चर्चा की ! लक्ष्य कमांडर सुषमा बाबू ने सामाजिक  चर्चा करते हुए सफाई पर जोर दिया उन्होंने कहा कि गंदगी ही बीमारियों की जड़ है अतं हमें साफ सफाई का जरूर ध्यान रखना चाहिए… Continue reading

कोरी राष्ट्रपति, घांची प्रधानमंत्री…हिन्दुत्ववादियों के सामाजिक न्याय का नया मॉडल और कांग्रेसी-कम्युनिस्टों-समाजवादियों से लेकर ब्राह्मणवादियों तक के समवेत रुदन का समय

रामनाथ कोविंद देश के राष्ट्रपति हो गए हैं। वे अनुसूचित जाति से होने के कारण राष्ट्रपति बनाए गए हैं। जिस देश में ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य सर्वोच्च जातियां मानी जाती हों और इन जातियों के बड़ी तादाद में लोगों के भीतर जातिगत श्रेष्ठता का झूठा और अमानवीय अहंकार भरा हो, उस देश में यह एक अच्छी बात है। और सबसे अच्छी बात ये है कि जिस दल और जिस विचारधारा… Continue reading

एक चुटकी मुस्कान

Mukesh Kumar Sinha होंठ के कोने से चिहुंकी थी हलकी सी मुस्कराहट आखिर दूर सामने जो वो चहकी, नजरें मिली, भर गयी उम्मीदें हाँ, उम्मीदें अंतस से लाती है हंसी !! माँ के आँचल में दबा, था अस्तव्यस्त छुटकू सा बालक, स्तनपान करता तभी आँचल के कोने से दिख गए पापा मुस्काया, होंठ छूटे और फिर खिलखिलाया आखिर जन्मदाता ही देते हैं पहली हंसी भरते हैं जीवन में किलकारियाँ !!… Continue reading