चाणक्य-नीति की चौपतियाएं

चाणक्य नीति की किताब पहली बार आज से तीस साल पहले मैंने तब देखी थी जब मैं छोटा था तथा अपने एक रिश्तेदार अभिभावक के साथ किसी गांव जा रहा था। बस बहुत ही खटारा थी बस के अंदर चालक सीट के पास निकले हुए बोनट पर बैठ कर एक आदमी अपने हाथ में पेन, पेंसिल व छोटी-छोटी चौपतियाएं लिए हुए उनको बेचने का प्रयास कर रहा था। उसी के… Continue reading

पुलिस-सुधार

भारत में जब भी पुलिस-सुधार की बात होती है तो इसका मतलब सिर्फ उनके अधिकारों व सुविधाओं में बढ़ोत्तरी तथा उनको उन्नत तकनीक के खतरनाक हथियार उपलब्ध कराने तक ही सीमित रहता है। पुलिस को आम आदमी के लिए जवाबदेह बनाने का प्रयास कभी नहीं किया जाता।   यह हमेशा भुला दिया जाता है कि पुलिस का ढांचा अभी तक अंग्रेजो के जमाने का ही है जिसका मकसद आम आदमी को… Continue reading

सफलता व उपलब्धि

Vivek Umrao “सामाजिक यायावर”मुख्य संपादक, संस्थापक – ग्राउंड रिपोर्ट इंडियाकैनबरा, आस्ट्रेलिया मित्र : सफलता व उपलब्धि क्या है?सामाजिक यायावर : सफलता व उपलब्धि को हम ठीक से परिभाषित ही नहीं कर पाए हैं। यदि सफलता को हम ठीक से परिभाषित कर लिए होते तो हमारे समाज की दिशा ही भिन्न होती, लोगों की मानसिकता भिन्न होती, जीवन के मानदंड ही भिन्न होते। मित्र : आपकी बात समझ नहीं पाया। सामाजिक यायावर :… Continue reading

संस्कृति संस्कार

जो मेरा बचपन जानते हैं उन्हें पता है कि मैं लगभग पंद्रह वर्ष की आयु तक मातृ-भक्त, पितृ-भक्त तरह का शिशु, बालक, किशोर हुआ करता था। बचपन से मेरे मन मस्तिष्क में संस्कार के नाम पर जो अनुशासन ठूंसा गया उसकी चर्चा भी करना चाहता हूं।   बचपन में यदि मेरी माता ने जमीन में गोल घेरा बना कर मुझसे कह दिया है कि जब तक वे न आएं तब तक… Continue reading

हमारे देश व समाज को के० सी० देवासेनापथि जैसे IAS अधिकारियों की बेहद जरूरत है

तमिलनाडु राज्य के एक गांव में एक आम किसान परिवार में पैदा हुए ‘के० सी० देवासेनापथि’, IAS हैं। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में कौशल विकास प्राधिकरण के राज्य निदेशक हैं और कृषि कार्य को कौशल के रूप में स्वीकृत कराने के लिए प्रयासरत हैं। अभी हाल तक ही छत्तीसगढ़ राज्य के दंतेवाड़ा जिले में लगभग 3 वर्ष तक जिलाधिकारी रहे।   इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया… Continue reading